सामग्री :
धुली मूँग की दाल
खूब खट्टी दही
नमक
पिसी लाल मिर्च
पिसी हल्दी
छौंक के लिये :
सरसों का तेल
सरसों के दाने
हींग
साबुत सूखी लाल मिर्च
पिसी लाल मिर्च
करी पत्ता
विधि :
मूँग की दाल को दो से तीन घंटों के लिये भिगो कर पीस लें
थोड़ी सी हींग ,नमक ,हल्दी ,पिसी लाल मिर्च मिला कर खूब अच्छे से फेंट लें
एक बड़े पतीले में पानी गर्म होने क लिए चढ़ायें
जब पानी खौलने लगे तब उसमें पीठी की छोटी छोटी पकौड़ी तोड़ लें
थोड़ी पीठी बचा लें
आँच तेज ही रखें ,अगर धीमा कर देंगे तो पीठी बिखर जायेगी
बीच बीच में हल्के हाथों से चला भी दें
ध्यान रखें कि बर्तन की तली से चलाइये,अन्यथा बर्तन में पकौड़ी चिपक कर जलने लगेंगी
लगभग दस मिनट तक उबलने दें
एक पकौड़ी निकाल कर काँटे से छेद कर देख लीजिए कि पक गया हो
अब सारी पकौड़ियाँ निकाल लें
बची हुई पीठी में दही ,नमक ,मिर्च और हल्दी मिला कर एकसार कर लें
पकौड़ी निकलने से बचे हुए पानी में इस पीठी वाले मिश्रण को डाल कर अच्छे से मिला लें
बराबर से चलाते हुए इस मिश्रण को खौला लें
जब कढ़ी थोड़ी पकी लगने लगे तो पकौड़ी भी डाल कर धीमी आँच पर थोड़ी देर पकने दें
एक सर्विंग डिश में कढ़ी निकाल कर सेटल कर लें
तड़केवाले पैन में सरसों का तेल पका लें
तेल में सरसों के दाने चिटका लें ,फिर उसमें हींग और साबुत मिर्च डाल दें
तड़का पैन आँच से हटा कर पिसी मिर्च और करी पत्ता डाल कर कढ़ी में छौंक लगा दें
इस कढ़ी की खासियत बिना तेल घी इस्तेमाल किये बनना है
इसमें सिर्फ छौंक में ही तेल का इस्तेमाल हुआ है ,वो भी अगर चाहे तो हटा दें