मैदा :५०० ग्राम
सूजी :२५० ग्राम
बेकिंग पाउडर
तलने के लिए रिफाइंड घी
विधि :
सूजी ,मैदा और बेकिंग पाउडर को अच्छे से मिला लें |थोड़ा सा मोयन दे कर पानी से कड़ा गूंथ लें और गीले कपड़े से ढक कर रखें |इस आटे की छोटी-छोटी लोइयां बना कर बहुत पतला बेलें |बेलें हुई लोइयों को भी गीले कपड़े से ढक कर रखें |जब सारी बेल लें ,तब उनको तल लें |गोलगप्पे तैयार हैं |जो न फूलें पापड़ी चाट की तरह दही चटनी के साथ परोसे |
जीराजल की सामग्री :
काला जीरा :५० ग्राम
सफ़ेद जीरा :५० ग्राम
इमली का रस :५०० ग्राम
पिसी लाल मिर्च
हींग
नीम्बू का रस
नमक
विधि :
लगभग आधा लिटर पानी में मिर्च जीरा डाल कर एक उबाल आने दें |उबाल आने पर उस में इमली और नीम्बू का रस नमक और पिसी मिर्च डाल दें |एक बार और उबल जाने दें |एक जलते हुए कोयले पर हींग का टुकड़ा रख कर ऊपर से एक मटका उलटा कर रख दें |थोड़ी ही देर में उसमें हींग की महक भर जायेगी |अब तुरंत ही तैयार किया पानी डाल कर ढक दें |इस में ही लगभग १.५ लिटर पानी और डाल कर अच्छे से मिला लें |पानी में पुदीने की पत्तियाँ भी डाल लें |जीराजल तैयार है |
मटर :
गोलगप्पे में भरने के लिए मटर नमक और हींग डाल कर उबाल लें |
वाह गोलगप्पे ..बहुत बढ़िया शुक्रिया
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (21.05.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
पढ़ कर ही मज़ा आ गया ! खाने के बाद तो यकीनन और लुत्फ़ आएगा ! आज ही ट्री करूँगी ! आपका आभार !
ReplyDeleteमुंह में पानी आ गया जी।
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कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
pad kar achha laga
ReplyDeletehum bhi gol gappe banayenge
thanks for sharing..
http://shayaridays.blogspot.com
वाह मुंम्ह मे पानी आ गया। धन्यवाद।
ReplyDeleteनिवेदिता जी,
ReplyDeleteआरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ
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ब्लॉगसमीक्षा की 23वीं कड़ी।
अल्पना वर्मा सुना रही हैं समाचार..।
निवेदिता जी बहुत बढ़िया गोलगप्पे हैं मगर आपने जो चर्चा में खिलाये हैं उन्हे भी तो चख कर बताईये...आज फ़िर खेली है हमने लिंक्स के साथ छुपमछुपाई चर्चा में आज नई पुरानी हलचल
ReplyDeleteमुह में पानी आ गया ..वाह
ReplyDeleteआभार
विजय
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कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
कल 22/08/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!